Bhajan Name- Mai Das Gareeb Hu Sawariya bhajan Lyrics ( मैं दास गरीब हूँ सांवरिया भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric – Virendra kuntal
Bhajan Singer – Gauri Agarwal
Music Label-
मैं दास गरीब हूँ सांवरिया,
कभी मेरे घर भी आ जाना,
मैं आस लगाए बैठा हूँ,
कभी मुझको दरस दिखा जाना।।
तर्ज – बाबुल की दुआएं।
ना चन्दन चौकी है मेरे,
ना इत्र पुष्प ना माला है,
कुछ और नहीं है पास मेरे,
इक श्याम नाम की माला है,
कभी इत्र लगाए तन से तुम,
मेरी कुटिया को महका जाना,
मैं आस लगाए बैठा हूँ,
कभी मुझको दरस दिखा जाना।।
ना माखन मिश्री है मेरे,
ना छप्पन भोग निराला है,
इस दास गरीब की कुटिया में,
इक श्याम भरा रस प्याला है,
मैं बना खिचड़ा दे दूँ तुम,
धावलिये ओट में खा जाना,
मैं आस लगाए बैठा हूँ,
कभी मुझको दरस दिखा जाना।।
ना कोठी बंगला है मेरे,
ना धन दौलत ना माया है,
मेरा मन जीवन अर्पण तुमपे,
इक श्याम नाम की छाया है,
इस विप्र सुदामा के आँगन में,
तुम बनके कन्हैया आ जाना,
मैं आस लगाए बैठा हूँ,
कभी मुझको दरस दिखा जाना।।
मैं दास गरीब हूँ सांवरिया,
कभी मेरे घर भी आ जाना,
मैं आस लगाए बैठा हूँ,
कभी मुझको दरस दिखा जाना।।