Bhajan Name- Re Man Murkh Kab Tak Jag Me Jivan vath Bitayga Bhajan Lyrics ( रे मन मूर्ख कब तक जग में जीवन व्यर्थ बिताएगा भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric –
Bhajan Singer – Vyas Ji Maurya
Music Lable-
रे मन मूर्ख कब तक जग में
जीवन व्यर्थ बिताएगा
राम नाम नहीं गाएगा तो,
अंत समय पछताएगा।।
जिस जग में तू आया यह,
एक मुसाफिर खाना है,
सिर्फ़ रात भर रुकना इसमें,
सुबह सफ़र पर जाना है,
लेकिन यह भी याद रहे,
श्वासों का पास खजाना है,
जिसे लूटने को कामादिक,
चोरों ने प्रण ठाना है,
माल लुटा बैठा तो घर जा,
कर क्या मुँह दिखलाएगा,
राम नाम नहीं गाएगा तो,
अंत समय पछताएगा।।
शुद्ध न की वासना हृदय की,
बुद्धि नहीं निर्मल की है,
झूठी दुनियादारी से क्या,
आशा मोक्ष के फल की है,
तुझको क्या है खबर तेरी,
ज़िंदगी कितने पल की है,
यम के दूत घेर लेंगे तब,
तू क्या धर्म कमाएगा,
राम नाम नहीं गाएगा तो,
अंत समय पछताएगा।।
पहुँच गुरु के पास ज्ञान का,
दीपक का उजियाला ले,
कंठी पहन कंठ जप की,
कर सुमिरन की माला ले,
खाने को दिलदार रूप का,
रसमय मधुर निवाला ले,
पीने को प्रीतम प्यारे के,
प्रेमतत्व का प्याला ले,
यह ना किया तो ‘बिन्दु’,
नीर आँखों से बहाएगा,
राम नाम नहीं गाएगा तो,
अंत समय पछताएगा।।
रे मन मूर्ख कब तक जग में,
जीवन व्यर्थ बिताएगा,
राम नाम नहीं गाएगा तो,
अंत समय पछताएगा।।