Bhajan Name- Teri Meri Koi Jaan na Pahchan Ji Bhajan Lyrics ( तेरी मेरी कोई जान ना पहचान जी भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric – Aditya Modi “SONU”
Bhajan Singer – Sheetal Pandey
Music Lable- Ardaas Bhakti
तेरी मेरी कोई जान ना पहचान जी,
फिर भी कृपा करी है आसमान सी,
मेरे पास कोई ऐसी भी किताब ना,
जिन शब्दों में करूं मैं बखान जी,
तेरे कितने गिनाऊ एहसान जी,
मेरे नैना, मेरे नैना,
मेरे नैना हुए खुशियों से नम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं ‘श्याम’,
मैं तो जो भी लिखूं वो है कम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं,
कहां से शुरू करूं कहां खत्म,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखू वो है कम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं ।।
सारी खुशिया ही मुझ पर वार दी,
मेरी पीढ़ियों की पीढ़ियॉ भी तार दी,
तुमसे जिंदगी के लिए प्रभु मांगू क्या,
तूने जिंदगी की मुझको उधार दी,
ओ…
सारी खुशिया ही मुझ पर वार दी,
मेरी पीढ़ियों की पीढ़ियॉ भी तार दी,
तुमसे जिंदगी के लिए प्रभु मांगू क्या,
तूने जिंदगी की मुझको उधार दी,
तूने जिंदगी की मुझको उधार दी,
मुझे फिर से दिया नया जन्म,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखू वो है कम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं ।।
प्रभु कितना अकेला तेरा दास था,
कोई साथ ना कोई ना मेरे पास था,
मेरी दुनिया भी इतनी वीरान थी,
अपने सांय का ना मुझे एहसास था,
ओ…
प्रभु कितना अकेला तेरा दास था,
कोई साथ ना कोई ना मेरे पास था,
मेरी दुनिया भी इतनी वीरान थी,
अपने सांय का ना मुझे एहसास था,
अपने सांय का ना मुझे एहसास था,
मुझे मैं से, मुझे मैं से,
मुझे मैं से बनाया तूने हम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखू वो है कम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं ।।
कहाँ साधुओं ने संतो ने फकीर ने,
होगा वही जो लिखा है तकदीर में,
तूने हाथों से छुआ जो मेरे हाथों को,
मिला वो भी जो ना था मेरी लकीर में,
कहाँ साधुओं ने संतो ने फकीर ने,
होगा वही जो लिखा है तकदीर में,
तूने हाथों से छुआ जो मेरे हाथों को,
मिला वो भी जो ना था मेरी लकीर में,
मिला वो भी जो ना था मेरी लकीर में,
तूने तोड़ दिए सारे ही भ्रम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखू वो है कम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं ।।
तेरी मेरी कोई जान ना पहचान जी,
फिर भी कृपा करी है आसमान सी,
मेरे पास कोई ऐसी भी किताब ना,
जिन शब्दों में करूं मैं बखान जी,
तेरे कितने गिनाऊ एहसान जी,
मेरे नैना, मेरे नैना,
मेरे नैना हुए खुशियों से नम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं ‘श्याम’,
मैं तो जो भी लिखूं वो है कम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं,
कहां से शुरू करूं कहां खत्म,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखू वो है कम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं ।।