Bhajan Name- चार जुगा पहले ऐसा मंडाण था भजन लिरिक्स ( चार जुगा पहले ऐसा मंडाण था भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric –
Bhajan Singer – Suwaram Ji bhakar
Music Lable-
चार जुगा पहले ऐसा मंडाण था,
नाम की पहचान कोई,
संत बिरला पहचानता रै है जी।।
चार महिनो चतर मासो,
नर नारी पोढता,
अंग से अंग नही अडता,
नैणा से फल लागता है जी।।
सोम से सगाई करता,
ढोड से परणावता,
तोन सोम घर वासा करता वो राम।।
श्रे गाया घणी होती,
हसत्या के मान मान,
अन पाणी खाता कोनी,
दुध पीर दिन खाढता रै है जी।।
हिरा पन्ना घणा होता,
नरेयला के मान मान,
चंदा सुरज नाही तब,
हीरा का प्रकाश था।।
आवो हंसा जावो हंसा,
यही आदर भाव था,
गावै रै इस्माइल जोगी,
अगम का निशान था वो है जी।।
चार जुगा पहले ऐसा मंडाण था,
नाम की पहचान कोई,
संत बिरला पहचानता रै है जी।।