महाभारत काल के तीन रहस्यमयी व्यक्ति ?? महाभारत काल में महाभारत युद्ध में उपस्थित सभी के सभी व्यक्ति काफी रहस्यमयी थे लेकिन उनमे से भी 3 जो सबसे रहस्यमयी व्यक्ति हुए थे | महाभारत काल में उपस्थित लगभग सभी महापुरुष के बारे में सभी लोग भली भाति परिचित है लेकिन ये कुछ ऐसे महापुरुषों थे जिनके बारे में लोगों को कम ही पता है तो आईए जानते है उन महापुरुषों के बारे में –
पहले रहस्यमयी व्यक्ति
महाभारत काल के पहले सबसे ज्यादा रहस्यमयी व्यक्ति जिनके रहस्य बारे में बहुत ही काम लोगों को ज्ञात है वो है सहदेव | पांडुओ के सबसे छोटे भाई सहदेव भविष्य में होने वाली सभी घटनाओ को पहले ही जान लेते थे | सहदेव जानते थे महाभारत में कौन किसको मारेगा और कौन विजयी होगा | इसके पीछे भी एक कहानी है कि पांडुओ के पिता थे पांडु जो कि बड़े ज्ञानी थे | इसलिए उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनके पांचों बेटे उनके मृत्यु शरीर को खाए जिससे उन्होंने जो ज्ञान अर्जित किया है वो उनके बेटों को मिल सके | लेकिन पांचों पांडुओ में सिर्फ सहदेव ने ही पिता की इच्छा का पालन किया था | उन्होंने पिता के मस्तिष्क के तीन हिस्से खाए | पहले टुकड़े खाने से सहदेव को समस्त इतिहास का ज्ञान प्राप्त हुआ | दूसरे टुकड़े से उन्हे समस्त वर्तमान का ज्ञान प्राप्त हुआ और तीसरा यानि कि अंतिम टुकड़ा खाने से सहदेव को भविष्य देखने की शक्ति प्राप्त हुई |
इसलिए सहदेव को महाभारत में होने वाली पल पल की घटनाओ के बारे में पहले से पता हो गया था | इसी बात के कारण भगवान श्री कृष्ण ने सहदेव को श्राप दे दिया था कि यदि तुम इस बारे में किसी को भी बताओगे तो उसी क्षण तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी |
दूसरे रहस्यमयी व्यक्ति
महाभारत काल के दूसरे सबसे ज्यादा रहस्यमयी व्यक्ति जिनके रहस्य के बारे में लोगों को ज्ञात तो है लेकिन सम्पूर्ण नहीं और वो है संजय | महाभारत में संजय धृतराष्ट्र के सारथी, निजी सचिव और सलाहकार थे । महाभारत के अनुसार महर्षि वेदव्यास ने संजय को दिव्यदृष्टि प्रदान की थी | इसी दिव्यदृष्टि की सहायता से वह महाभारत के युद्ध का आँखों देखा हाल महल में बैठे धृतराष्ट्र को सुनाते थे | जैसा कि हम सभी को ज्ञात है कि महाभारत में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को समस्त गीता का उपदेश दिया था और भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपने चतुर्भुज रूप के दर्शन करवाए थे जिसके बारे में कहाँ जाता है कि स्वयं देवता गण भी भगवान श्री कृष्ण के इस चतुर्भुज रूप के दर्शन के लिए कठोर परिश्रम करते है तपस्या करते है | लेकिन भगवान कृष्ण से गीता सुनने वाले अर्जुन अकेले नहीं थे और न ही भगवान कृष्ण के चतुर्भुज रूप के दर्शन करने वाले अर्जुन अकेले थे क्योंकि पुराणों के अनुसार संजय ने भी उसी समय सम्पूर्ण गीता सुनी थी और भगवान कृष्ण के चतुर्भुज रूप के दर्शन भी किया था |
तीसरे रहस्यमयी व्यक्ति
महाभारत काल के तीसरे सबसे ज्यादा रहस्यमयी व्यक्ति जिनके रहस्य के बारे में लोगों को अभी कुछ साल पहले से ज्ञात होना शुरू हुआ है लेकिन सम्पूर्ण नहीं और वो है वीर बर्बरीक | बर्बरीक महाभारत काल के सर्वोश्रेष्ट धनुधरों में से एक था | पुराणों में बताया जाता है कि पूरे महाभारत को खत्म करने के लिए वीर बर्बरीक के केवल तीन बाण ही काफी थे | जिसके बारे में भगवान श्री कृष्ण को ज्ञात हो गया था इसलिए महाभारत युद्ध के संतुलन बनाए रखने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने वीर बर्बरीक से उनके सिर का दान मांग लिया था और महान वीर बर्बरीक ने 14 साल की उम्र में खुशी खुशी अपना सिर भगवान श्री कृष्ण को दान कर दिया था | जिससे प्रसन्न होकर भगवान श्री कृष्ण ने वीर बर्बरीक को अपनी सारी शक्तियां और अपनी समस्त कलाये आशीर्वाद स्वरूप भेट किया था | वीर बर्बरीक जिन्हे आज पूरी दुनिया खाटू श्याम जी के नाम से जानती है | और हाल ही में केलेंडर न्यू एयर पर खाटू श्याम जी में करीब 20 लाख लोगों ने उनके दर्शन किये थे | जो अब तक का वर्ल्ड रिकार्ड है |
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