यह मंदिर करेगा कलयुग का अंत ?? हमने हमेशा यही देखा है कि जब भी कही कोई निर्माण कार्य होता है तो उस बिल्डिंग में कई खम्भे ( पिलर ) खड़े किये जाते है जिसके ऊपर वो पूरी बिल्डिंग खड़ी होती है | अगर हम ऐसा चाहे की एक खम्भे ( पिलर ) बना कर उसके ऊपर पूरी बिल्डिंग खड़ी कर दे तो ये नमुमकिन है | लेकिन आज में आपको भारत के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहा हूँ जो पिछले 5 हजार सालों से केवल एक ही खम्भे पर टिका हुआ है | इस बात सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा परंतु ये सच है | भारत का केदारेश्वर मंदिर एक ऐसा विचित्र अजूबा है, जो मंदिर पहाड़ों के नीचे होने के बाद भी ये पूरा मंदिर केवल एक खम्भे पर ही टिका हुआ है | आईए जानते है इस मंदिर के बारे में सम्पूर्ण कहानी –
कहाँ स्थित है केदारेश्वर मंदिर
ये अनोखा मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर क्षेत्र में स्थित है | अहमदनगर क्षेत्र में स्थित हरिश्चंद्रगढ़ नाम की पहड़िया ट्रेकिंग के लिए काफी ज्यादा प्रचलित है | इन्ही पहाड़ियों के बीच एक स्थित एक गुफा के बीच में है हमारा अनोखा केदारेश्वर मंदिर या यूं कहे मंदिर के ऊपर एक भारी भरकम पहाड़ स्थित है और उसके नीचे एक अकेले पिलर पर खड़ा है केदारेश्वर मंदिर | हरिश्चंद्रगढ़ की पहाड़ियों के थोड़े दुर्गम रास्तों को पार करके महादेव के इस पवित्र और विचित्र मंदिर को देखना और उनसे मिलने पर जो अनुभूति होती है वो अलग ही लेवल की होती है |
यहाँ स्थित सभी खम्भों का रहस्य
संत बताते है कि पुराने समय में सभी इमारतों की तरह इसमे भी 4 स्तम्भ ( खम्भे ) हुआ करते थे | ये चारों खम्भे चारों युगों का प्रतिनिधित्व करते थे – सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग | ऐसा माना जाता है कि जैसे जैसे युगों का समापन होता गया वैसे वैसे ही उनसे संबंधित खम्भे ध्वस्त होते चले गए | पुराणों के अनुसार अभी कलयुग का काल चल रहा है इसलिए यहाँ स्थित अंतिम खम्भा कलयुग को प्रतिनिधित्व करने वाला है जिसके बारे में कहाँ जाता है कि कलयुग की समाप्ति पर ये आखिरी खम्भा भी ध्वस्त हो जाएगा |
मंदिर में स्थित है रहस्यमयी कुंड
इस मंदिर की एक और काफी दिव्य और रहस्यमयी बात है और वो है इस मंदिर के बीचों बीच स्थित एक जलाशय कुंड का होना | ये कुंड अपने आप में काफी रहस्यमयी है क्योंकि इस कुंड में पूरे साल पानी भरा ही रहता है | इसी जलाशय कुंड के बीच में विराजमान है 5 फिट के हमारे केदारेश्वर महादेव | जिनके दर्शन करने के लिए कमर तक के इस जलाशय कुंड में उतरना पड़ेगा | लेकिन अचरज की बात ये है कि इस कुंड का पानी गर्मियों के समय बर्फ जैसा एकदम ठंडा और सर्दियों में वही जल गरम रहता है | जिसके बारे में काफी रिसर्च हुई लेकिन कोई भी इस बात की पुस्ति न कर पाया है कि ये कैसे संभव है | लेकिन हर शिव भक्त जानता है ये कृपया है हमारे भोलेनाथ की |
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