600 साल पहले इस कारण मुस्लिम पूर्वज बन गए माता के उपासक 

जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र भोपालगढ़ के एक छोटे से गाँव बागोरिया की ऊंची पहाड़ियों पर विराजमान मां दुर्गा के इस प्राचीन मंदिर है | 

इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में पीढ़ी दर पीढ़ी मुस्लिम परिवार पुजारी बनकर देवी मां की सेवा कर रहा हैं |  

इसके पीछे भी काफी रहस्यमयी कहानी है जिसके बारे में यहाँ के  पुजारी जलालुद्दीन खान बताते है कि सैंकड़ों साल पहले-

सिंध प्रांत में भारी अकाल पड़ने के कारण इनका परिवार वहाँ से मालवा बसने के लिए जा रहे थे तभी रास्ते में उनके ऊंट काफी बीमार पड़ गए |

जिसके कारण उन्हे कई दिनों तक उस रेगिस्तान में ना चाहते हुए भूखे प्यासे रुकना पड़ा था | लेकिन एक रात को देवी मां ने इनके पूर्वजों को सपने में आकर दर्शन दिए | 

और नजदीक के बावड़ी में रखी मूर्ति से भभूत निकालकर ऊंटो को लगाने की सलाह दी जिससे वो ठीक हो जाएंगे | 

आँख खुलने पर उन्होंने ऐसा ही किया जिसके बाद ऐसा चमत्कार हुआ कि ऊंट ठीक हो गए | देवी माँ ने उन्हे पास के जलाशय का भी रास्ता बताया था |

मां दुर्गा के इस चमत्कार को देखकर सिंध प्रांत से आए इस मुस्लिम परिवार के काफिले ने इसी गांव में रुकने का निर्णय किया |

तब से वे सब यही बस गए और देवी मां की पूजा आराधना करने लगे | इसके बाद से उनके परिवार में यह परंपरा चली आ रही है |

आज भी इस मंदिर में इनके ही परिवार के सदस्य पुजारी बनकर मां की उपासना और आराधना कर मां दुर्गा की सेवा करते हैं

मौजूदा दिनों में इस मंदिर में मुस्लिम परिवार के सदस्य जलालुद्दीन खान मंदिर के पुजारी हैं, जो मंदिर की सेवा पूजा कर रहे हैं |