आनो पड़सी सेठ सांवरा
भगता की अरदास है
अर्जी सुनकर आवेगो तू
सगळा ने विश्वास है
आणो पड़सी सेठ सांवरा
भगतां की अरदास है ।।
तर्ज – मन की बातां सांवरिया ने।
जब जब कोई काम पड़े है
टाबर तेरा याद करे
टाबर तेरा याद करे
म्हारे घर को मालिक है तू
थांसू ही फ़रियाद करे
थांसू ही फ़रियाद करे
और ना कोई म्हाने सूझे
बस थारी इक आस है
आणो पड़सी सेठ सांवरा
भगतां की अरदास है ।।
बाबा आएगा मेरा बाबा आएगा
सच्चे दिल से श्याम पुकारो
रुक नहीं पायेगा
बाबा आएगा मेरा बाबा आएगा।
देर घनी मत करियो बाबा
धीरज छूट्यो जावे है
धीरज छूट्यो जावे है
बेगो बेगो अब तो आजा
मन म्हारो घबरावे है
मन म्हारो घबरावे है
दुनिया की तो जानू कोन्या
तू तो म्हारो खास है
आणो पड़सी सेठ सांवरा
भगतां की अरदास है ।।
एक थारे आने से बाबा
सगळा संकट कट जासी
सगळा संकट कट जासी
अटकी नैया चाल पड़ेगी
सोदो म्हारो पट जासी
सोदो म्हारो पट जासी
म्हारे तो सुख दुःख की दवाई
बाबा थारे पास है
आणो पड़सी सेठ सांवरा
भगतां की अरदास है । ।
आनो पड़सी सेठ सांवरा
भगता की अरदास है
अर्ज़ी सुनकर आवेगो तू
सगळा ने विश्वास है
आणो पड़सी सेठ सांवरा
भगतां की अरदास है । ।
स्वर – संजय मित्तल जी।
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