Bhajan Name – Arti Radha Rani Bhajan Lyrics ( आरती भानु दुलारी की श्री बरसाने वाली की भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric-
Bhajan Singer-Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj
Music Label-
आरती भानु दुलारी की,
श्री बरसाने वाली की ॥
विराजै सिंहासन श्यामा,
दिव्य श्री वृन्दावन धामा,
ढुरावै चंवर सुघर बामा,
पलोटै पग पूरण कामा ॥
लली पग अंक,
चापी निःशंक,
श्याम जनु रंक,
पाई निधि पारस प्यारी की,
कि श्री बरसाने वाली की ॥
आरती भानु दुलारी की,
कि श्री बरसाने वाली की ॥
गौर सिर कनक मुकुट राजै,
चन्द्रिका चारु सुछवि छाजै,
कुटिल कुन्तल अली भल भ्राजै,
लखत जेहि शिखि कलाप लाजै ॥
मांग सिंदूर,
मोतियन पूर,
सजीवन मूर,
ब्रह्मा गोवर्धनधारी की,
कि श्री बरसाने वाली की ॥
आरती भानु दुलारी की,
कि श्री बरसाने वाली की ॥
श्रवण बिच करणफूल झलकै,
नासिका बिच बेसर हलकै,
गयन बिच प्रेम‑सुधा छलकै,
बंधु बल के लखि लखि ललकै ॥
चपलनथ चमक,
दसन दुति दमक,
सुमुखि मुख रमक,
मधुर मुसुकनी सुकुमारी की,
कि श्री बरसाने वाली की ॥
आरती भानु दुलारी की,
कि श्री बरसाने वाली की ॥
मोतियन लरु उर मणिमाला,
चिबुक झलकत इक तिल काला,
शम्भू शुक दे संग करताला,
लली गुन गावती ब्रजबाला ॥
कबहुँ मुख मुरली,
कबहुँ दृग दुरली,
कबहुँ दृग जुरली,
कबहुँ सुधि भुरनी बिहारी की,
कि श्री बरसाने वाली की ॥
आरती भानु दुलारी की,
कि श्री बरसाने वाली की ॥
कीनारिन जरिन नील सारी,
कंचुकी कुमकुम रंग वारि,
चुरी कर कंकन मनहारी,
छीन कटि किंकिनि छवि न्यारी ॥
पायलनि पगनि,
मिहावरी लगनि,
बिछुवनी नगनि,
कृपालु सुकृति कुमारी की,
कि श्री बरसाने वाली की ॥
आरती भानु दुलारी की,
कि श्री बरसाने वाली की