महादेव पर विश्वास की सच्ची कहानी जो हमे इस बात का ज्ञान करवाएगी कि अगर आप के भाव प्रबल और सच्चे है तो साक्षात परम पिता परमेश्वर खुद आपके लिए आएंगे | आईए जानते है वो अद्भुत कथा !
ये बात है साल 1879 की जब हमारे अखंड भारत में ब्रिटिश शासन का राज्य था | तो उस समय एक लेफ्टिनेंट थे जिनका नाम था लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन जो कि ब्रिटिश आर्मी में एक बड़े औधे का अफसर था | लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन अपने पूरे परिवार के साथ यहाँ रहता था | एक समय जब भारत अफगानिस्तान का युद्ध छिड़ गया तो लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन को भी उस युद्ध में मोर्चा संभालने के लिए भेजा गया | तो युद्ध पर जाते समय लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन ने रास्ते में पड़ रहे मध्य प्रदेश के एक गाँव में अपने परिवारजनों को ठहराना उचित समझा | युद्ध पर पहुँचकर भी लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन अपने परिवार को खत लिखना नहीं भूलता था और उन्हे अपने स्वस्थ और अच्छे होने की जानकारी देता था |
ये सिलसिला काफी दिनों तक तो ठीक थक चला लेकिन फिर अचानक से चिट्ठियां आनी बंद हो गई जिससे उसकी पत्नी और सभी परिवारजन काफी चिंतित रहने लगे | क्योंकि कर्नल मार्टिन का कुछ पता नहीं चल रहा था कि आखिर वो सुरक्षित हैं या युद्ध में मारे गए | मार्टिन की पत्नी को परेशान देख, गाँव वालों ने कारण पूछा- तो मार्टिन की पत्नी गाँव वालों को सब बताया जिसे सुनकर सभी ने मार्टिन की बीबी को भगवान बैजनाथ महादेव के मंदिर में पूजा अर्चना करने को कहाँ | गाँव वालों ने कहाँ हमारे महादेव काल को भी हर लेते है, अत” आप बैजनाथ महादेव के मंदिर में जाईए और भगवान शिव से अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करिए |
क्योंकि मार्टिन की पत्नी को अपने पति की काफी फिक्र हो रही थी इसलिए उसने मंदिर जाने का फैसला किया | बैजनाथ महादेव मंदिर के निज पुजारियों ने उसे ॐ नमः शिवाय का जाप 11 दिनों तक करने को कहाँ | मार्टिन की बीबी ने ऐसा ही किया नित भगवान के मंदिर जाती पूजा आराधना करती और भगवान से अपने पति के लंबी उम्र की कामना करती | ( कहते है न चमत्कार को नमस्कार है! आगे पढिए ! )
जैसे ही 11वां दिन आया मार्टिन की पत्नी को लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन का एक टेलीग्राम आया, जिसमें उन्होंने एक बेहद ही अजीबोगरीब और चमत्कारिक घटना के बारे में बताया –
“मैं तुम्हे हर रोज़ चिट्ठियां लिखता था, लेकिन अचानक से यहाँ कुछ अफगनिस्तानी पठानों ने हमें चारो तरफ से घेर लिया था | और उस समय हम सभी हमारी पूरी रेजिमेंट अपने मौत को अपने सामने देख सकते थे | लेकिन तभी अचानक कही से एक लंबे बालों वाला साधु आया जिसमे शेर के खाल पहन रखे थे | उसके हाथ नुकीले 3 दर वाला हतियार था जिसे वो हवा में उढ़ाते हुए निर्भय होकर आगे बढ़ता चला आ रहा था | पता नहीं क्यों उसके इस रूप को देख कर पठान वहाँ से वापस भागने लगे | और उस साधु के कारण हमारी हार जीत में बदल गई |
लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन जब युद्ध खत्म करके वापिस घर आए तो उनकी पत्नी उन्हे बैजनाथ महादेव मंदिर लेकर गई जहाँ कर्नल मार्टिन भगवान महादेव को देखकर अपनी बीबी से कहाँ कि वो योद्धा जिसने हमे बचाया था वो एकदम इन्ही के जैसा दिख रहा था | जिसके बाद कर्नल मार्टिन ने भगवान महादेव के सामने माथा टेक कर शुक्रिया किया और मंदिर निर्माण के लिए अतिरिक्त धन भी दिया |
आज भी अगर आप इस मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे तो आपको इस मंदिर के स्लैब में इन दोनों पति-पत्नी का नाम गुदा हुआ मिलेगा | और अखंड भारत में सिर्फ मध्य प्रदेश का ये बैजनाथ महादेव मंदिर ही एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसका निर्माण किसी अंग्रेज ने अपने शासनकाल में करवाया था | ये कृपा नहीं तो क्या है ?
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|| हर हर महादेव ||
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