
भारत में एक ऐसा मंदिर है जिसे देखकर आप भी चौंक जाएंगे क्योंकि इसका निर्माण ऐसा है कि लगता है कि यह जल्दी गिर जाएगा। पिछले एक हजार साल से यह मंदिर गिरता नहीं है, क्योंकि भगवान भोले नाथ की इतनी कृपा है। ऐसा ही मंदिर का डिजाइन है। यह एक पत्थर बिना चूना और सीमेंट के एक के ऊपर रखा हुआ है, जो देखने से लगता है कि निर्माण अधूरा है। यह मंदिर कई आंधी, तूफान और भूकंप के बावजूद अपने स्थान पर खड़ा है। मुरैना के ककनमठ मंदिर को भूतों का मंदिर भी कहा जाता है | जब भूत यह मंदिर बना रहे थे और मंदिर का निर्माण पूर्ण होने ही वाला था कि एक सुबह गांव की एक महिला ने हाथ से चलने वाली चक्की चला दी, इससे भूत इस मंदिर को अधूरा छोड़ कर भाग गए। जब आप इसे देखेंगे तो आपको लगेगा कि यह अधूरा है, इसमें कितनी सच्चाई है इसके लिए सटीक प्रमाण नहीं हैं। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के निर्माण के लिए किसी भी प्रकार के सीमेंट बालू का उपयोग नहीं किया गया है बस पत्थरों से ही मंदिर का निर्माण किया गया है |
इस दिन गिरेगा ये मंदिर
किवदंतियों में कहा जाता है कि नाई जाति के नौ काने दूल्हे (एक की आंख फूटी हुई) इस मंदिर पर एक साथ आए तो मंदिर भरभरा हो जाएगा।
कैसे पहुंचे इस मंदिर तक
यह मंदिर भारत के मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में स्थित है. मुरैना जिले से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित सिहोनिया गांव में है, और आपको 3 किलोमीटर दूर से ही मंदिर का गुंबद दिखाई देगा। क्योंकि इस मार्ग पर बसें नहीं चलती हैं, अगर आप यहां जाना चाहते हैं तो आपको अपने स्वयं के वाहन से या किराए का वाहन लेकर ही जाना होगा।
शिव को समर्पित है यह मंदिर
115 फीट ऊंचा शिवालय (भगवान शिव का विशाल मंदिर) है। मंदिर खंडहर की तरह नजर आता है, कुछ सीढ़ियां चढने के बाद ही। आप को भगवान शंकर के शिवलिंग के दर्शन होंगे । मंदिर पहुंचने पर आपको दोनों तरफ कई खंभे दिखेंगे। इतिहासकारों ने बताया कि इस मंदिर को ग्यारहवीं शताब्दी में कछवाहा वंश का राजा कीर्ति राज ने बनाया था | उनकी पत्नी रानी ककनावती शिव के भक्त थीं, इसलिए मंदिर का नाम रानी के नाम पर ककनमठ रखा गया है। वह आस पास के लोगो के द्वारा बताया जाता है आंधी तूफान ने इस मंदिर के आसपास के कई छोटे छोटे मंदिरों को नष्ट कर दिया है। मंदिर के आस पास आपको खेत देखने को मिलेगा । इन खेतों में इस मंदिर के अवशेष पड़े हुए हैं | यहां खुदाई के दौरान भी कई अवशेष मिलते हैं |
खंडित हैं कई मूर्तियां
यह मंदिर हजारों साल पुराना है औरआपको हर तरफ हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां भी देखने को मिल जाएंगी | जिसमे से कुछ मूर्तिया खंडित हैं, कहा जाता है कि शायद विदेशी शासकों ने उन्हें तोड़वा दिया था। मंदिर के बहुत से अवशेष ग्वालियर के एक म्यूजियम में सुरक्षित रखी गई हैं। बात मंदिर को खंडहर में बदलने की हो तो पुरातत्व अधिकारी डॉक्टर अशोक शर्मा ने बताया कि मंदिर पर मौसम की मार पड़ी है, इसलिए यह इस अवस्था में है।
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2 thoughts on “एक रात में भूतों ने बनाया ये शिव मंदिर, रात को यहाँ गलती से भी मत जाना”