Bhajan Name- Chand Sohe Mastak Jinke gal Sarpo Ki Mala bhajan Lyrics ( चाँद सोहे मस्तक जिनके गल सर्पों की माला भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric –
Bhajan Singer -Mohan Mastana
Music Label-
चाँद सोहे मस्तक जिनके गल सर्पों की माला
ओढ़े बागम्बर भोलेनाथ डमरू वाला, डमरूवाला
रहते मगन भोले पिए भंग का प्याला, भंग का प्याला
ओढ़े बागम्बर भोलेनाथ
धरती अम्बर तीन लोक में भोले जी का बसेरा
वो चाहे तो रात को दिन और सांझ को कर दे सवेरा
सारी दुनिया में भोले का है बोलबाला, बोलबाला
ओढ़े बागम्बर भोलेनाथ
अजर अमर अविनाशी भोले शंकर हैं मतवाले
जिस पे खुश हो जाए अगर वो पल में वर दे डाले
भस्मासुर को भस्म करा दे कष्ट मोल डाला , मोल डाला
ओढ़े बागम्बर भोलेनाथ
वो ना चाहे सोना चांदी ना ही कोई चढ़ावा
शिव शंकर को ना ही पसंद है आडम्बर और दिखावा
इकलौता गंगा के जल से खुश होने वाला, होने वाला
सबसे निराला भोलेनाथ डमरूवाला, डमरूवाला