दानी हो कर तू चुप बैठा ये कैसी दातारी रे भजन लीरिक्स

श्याम बाबा श्याम बाबा श्याम बाबा
दानी हो कर तू चुप बैठा
ये कैसी दातारी रे
ओ श्याम बाबा,
क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
बिन फल के जो वृक्ष न सोहे,
बिन बालक क्यों नारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यों तेरे भक्त दुखारी रे।।

श्याम सुन्दर ने खुश होकर तुझे,
अपना रूप दिया है,
और हमने उस रूप का दर्शन,
सौ सौ बार किया है,
हमरे संकट दूर न हो तो,
हमरे संकट दूर न हो तो,
ये बदनामी थारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यों तेरे भक्त दुखारी रे।।

ना मैं चाहूँ हीरे मोती,
ना चांदी ना सोना ,
मेरे आंगन भेज दे बाबा,
तुझसा एक सलोना,
हम को क्या जो वन उपवन में,
फूल रही फुलवारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यों तेरे भक्त दुखारी रे।।

जब तक आशा पूरी ना होगी,
दर से हम ना हटेंगे,
सब भक्तो को बहका देंगे,
तेरा नाम ही लेंगे,
सोच ले तू भगतो का पलड़ा,
सदा रहा है भारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यों तेरे भक्त दुखारी रे।।

श्याम बाबा श्याम बाबा श्याम बाबा,
दानी हो कर तू चुप बैठा,
ये कैसी दातारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
बिन फल के जो वृक्ष न सोहे,
बिन बालक क्यों नारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यों तेरे भक्त दुखारी रे।।

Bhajan Singer – Sanjay Mittal ji

Welcome to Bhajanlyric.com, your online source for bhajan lyrics. We are helping you connect with your spiritual journey.

Leave a Reply

Exit mobile version