Bhajan Name – Daya Nidhi Reejh Jate Hai Bhajan Lyrics (ना जाने कौन से गुण पर दयाानिधि रीझ जाते हैं। भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric-
Bhajan Singer- Prakash Gandhi
Music Label- Power Music Company
ना जाने कौन से गुण पर
दयाानिधि रीझ जाते हैं।
नहीं स्वीकार करते हैं
निमंत्रण नप सुयोधन का
विदुर के घर पहुंचकर
भोग छिलकों का लगाते हैं।
ना आए मधुपुरी से गोपियों
की दुख व्यथा सुनकर
ध्रुपद जाकी दशा पर
द्वारिका से दौड़ आते हैं।
ना जाने कौन से गुण पर
दयाानिधि रीझ जाते हैं।
ना रोए वन गमन में
श्री पिता की वेदनाओं पर
उठाकर गिद्ध को निज गोद
में आंसू बहाते हैं।
ना जाने कौन से गुण पर
दयाानिधि रीझ जाते हैं।
कठिनता से चरण धोकर
मिले कुछ बिंदु विधि हर को
वो चरणों तक स्वयं केवट
के घर जाकर लुटाते हैं।
ना जाने कौन से गुण पर
दयाानिधि रीझ जाते हैं।
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