दुनिया का एक मात्र स्थान जहाँ होता है साक्षात भगवान के दर्शन

कुमारी घर: दुनिया का एक मात्र स्थान जहाँ होता है साक्षात भगवान के दर्शन

काठमांडू में स्थित “कुमारी घर” एक अनोखी परंपरा और रहस्य से घिरा हुआ महल है, जहां एक जीवित देवी का निवास होता है। नेपाल की इस परंपरा में एक युवा लड़की को कुमारी देवी के रूप में चुना जाता है, जिसे देवी दुर्गा का साक्षात अवतार माना जाता है। कुमारी घर का इतिहास, कुमारी बनने की प्रक्रिया और इससे जुड़े कई रहस्यों की जानकारी काठमांडू को अद्वितीय बनाती है।


कुमारी घर का इतिहास

कुमारी घर की परंपरा का आरंभ मल्ल वंश के एक राजा से जुड़ी कथा से होता है। कहा जाता है कि राजा ने एक बार देवी दुर्गा का सपना देखा था, जिसमें देवी ने उन्हें एक कन्या को जीवित देवी का दर्जा देने और उसकी विशेष देखभाल करने का आदेश दिया। राजा ने इस आदेश का पालन करते हुए “कुमारी” की परंपरा का शुभारंभ किया। यह मान्यता है कि देवी दुर्गा कुमारी के माध्यम से स्वयं निवास करती हैं और अपनी दिव्य शक्ति से लोगों का मार्गदर्शन करती हैं।


कुमारी बनने की प्रक्रिया

कुमारी बनने की प्रक्रिया अत्यंत कठोर और जटिल होती है। कुमारी के चयन के लिए शाक्य जाति की छोटी कन्याओं को चुना जाता है, और इन कन्याओं का चयन विभिन्न मानदंडों पर आधारित होता है, जैसे:

  1. शारीरिक लक्षण: लड़की का चेहरा, आँखें, दांत, और आवाज देवी दुर्गा के रूप के अनुसार होनी चाहिए।
  2. निर्भयता: कुमारी के चुनाव में उसका साहसी होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक विशेष अनुष्ठान के दौरान उसे एक अंधेरे कमरे में रखा जाता है, जहां उसे मृत पशुओं के सिर दिखाए जाते हैं। जो लड़की बिना भय के यह सब देख सके, वही कुमारी बनने के योग्य होती है।
  3. ज्योतिषीय मानदंड: कन्या की जन्म कुंडली का मिलान राजा की कुंडली से किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह देवी की प्रतिनिधि बनने के लिए योग्य है।

चयन के बाद, लड़की को अपने परिवार से अलग कर दिया जाता है और कुमारी घर में निवास करवाया जाता है, जहां वह एक जीवित देवी के रूप में पूजी जाती है।

कुमारी देवी के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था


कुमारी का जीवन

कुमारी बनने के बाद लड़की का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। उसे एक दिव्य शक्ति माना जाता है और सामान्य जीवन से दूर रखा जाता है। उसका हर कार्य पूरी पवित्रता से किया जाता है, और लोगों को उसके सामने बहुत ही सम्मान और श्रद्धा से पेश आना होता है। कुमारी को एक विशेष स्थान पर बैठाया जाता है, जहाँ भक्तजन उनकी पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। कुमारी घर में उनकी देखभाल का कार्य कुछ चुने हुए पुजारी करते हैं, जो उन्हें धार्मिक अनुष्ठानों और तंत्र साधनाओं में मार्गदर्शन करते हैं।


युवावस्था और कुमारी पद से मुक्ति

कुमारी देवी का पद केवल युवावस्था तक सीमित होता है। जैसे ही युवावस्था के लक्षण प्रकट होने लगते हैं, कुमारी पद से मुक्ति का समय आ जाता है। माना जाता है कि इस अवस्था में कुमारी का पवित्रता का गुण समाप्त होने लगता है, जिससे उनकी दिव्यता को नुकसान पहुँचता है। एक बार कुमारी पद से मुक्त होने के बाद, लड़की अपने सामान्य जीवन में वापस लौट जाती है और नई कुमारी का चयन किया जाता है।


कुमारी घर की परंपरा से जुड़े विशेष अनुष्ठान और त्यौहार

कुमारी घर में कई महत्वपूर्ण त्यौहार और अनुष्ठान होते हैं। इनमें सबसे प्रमुख “इंद्र जात्रा” का त्योहार है, जिसमें कुमारी देवी का रथ नगर में घुमाया जाता है। लोग इस दौरान कुमारी देवी को देखने और आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। इसके अलावा, दशैं और तिहार पर्व के समय भी कुमारी घर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।


कुमारी देवी के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था

स्थानीय लोगों का मानना है कि कुमारी देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने से रोग, संकट और अनिष्ट शक्तियों से मुक्ति मिलती है। भक्तजन कुमारी देवी से आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं और अपने जीवन की समस्याओं का समाधान मानते हैं। कुमारी देवी का उनके जीवन में विशेष स्थान होता है, और लोग उन्हें देवी दुर्गा के साक्षात रूप में पूजते हैं।

कुमारी देवी के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था


महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: कुमारी देवी का चयन कैसे किया जाता है?
उत्तर: कुमारी देवी का चयन एक कठोर प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है जिसमें लड़की की शारीरिक विशेषताएँ, निर्भयता, और ज्योतिषीय गुणों को परखा जाता है। शाक्य जाति की छोटी कन्या को देवी के रूप में चुना जाता है, जो साहसी और निर्मल हो।

प्रश्न 2: कुमारी देवी का जीवन कैसा होता है?
उत्तर: कुमारी देवी का जीवन विशेष होता है, जिसमें वे सामान्य जीवन से दूर एक देवी के रूप में निवास करती हैं। कुमारी घर में उनकी देखभाल होती है और हर अनुष्ठान पवित्रता और अनुशासन से किया जाता है। लोग उनकी पूजा करते हैं और आशीर्वाद लेते हैं।

प्रश्न 3: कुमारी का कार्यकाल कब तक होता है?
उत्तर: कुमारी का कार्यकाल तब तक होता है जब तक कि लड़की युवावस्था में प्रवेश नहीं कर जाती। युवावस्था के संकेत मिलते ही उसे पद से मुक्त कर दिया जाता है, और एक नई कुमारी का चयन किया जाता है।

प्रश्न 4: क्या कुमारी घर में बाहरी व्यक्ति जा सकते हैं?
उत्तर: नहीं, कुमारी घर में केवल कुछ विशेष लोग ही प्रवेश कर सकते हैं। बाहरी व्यक्तियों के लिए प्रवेश वर्जित है और केवल विशिष्ट आयोजनों में भक्तजन कुमारी के दर्शन कर सकते हैं।

प्रश्न 5: क्या कुमारी देवी का आशीर्वाद लाभकारी होता है?
उत्तर: हाँ, कुमारी देवी का आशीर्वाद भक्तों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। लोग मानते हैं कि कुमारी देवी के आशीर्वाद से रोग, बाधाएं और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।

प्रश्न 6: कुमारी घर की परंपरा का आरंभ कैसे हुआ?
उत्तर: कुमारी घर की परंपरा मल्ल वंश के राजा द्वारा देवी दुर्गा के आशीर्वाद के आदेश से शुरू हुई थी। राजा ने देवी के दर्शन के बाद एक लड़की को देवी के रूप में पूजने का आदेश दिया था।

प्रश्न 7: क्या कुमारी घर केवल हिंदू धर्म से संबंधित है?
उत्तर: कुमारी घर की परंपरा हिंदू धर्म से अधिकतर जुड़ी हुई है, लेकिन इसमें नेपाली समाज की सांस्कृतिक धरोहर का भी योगदान है। इसे नेपाल के सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था का एक अनूठा रूप माना जाता है।

प्रश्न 8: क्या कुमारी देवी पद से मुक्त होने के बाद सामान्य जीवन जी सकती हैं?
उत्तर: हाँ, कुमारी पद से मुक्त होने के बाद लड़की को सामान्य जीवन जीने का अवसर दिया जाता है, लेकिन यह प्रक्रिया सरल नहीं होती है क्योंकि उनका अधिकांश जीवन देवी की तरह बिताया गया होता है।


 

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