Bhajan Name- Itna to karna Swami Jab Pran Tan Se Nikle Bhajan Lyrics ( इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric – Traditional
Bhajan Singer – Anuradha Paudwal
Music Lable- T-Series
इतना तो करना स्वामी,
जब प्राण तन से निकले
गोविन्द नाम लेकर,
फिर प्राण तन से निकले ।।
श्री गंगा जी का तट हो,
यमुना का वंशीवट हो,
मेरा सांवरा निकट हो,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तों करना स्वामी जब प्राण ।।
पीताम्बरी कसी हो,
छवि मन में यह बसी हो,
होठों पे कुछ हसी हो,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तों करना स्वामी जब प्राण ।।
श्री वृन्दावन का स्थल हो,
मेरे मुख में तुलसी दल हो,
विष्णु चरण का जल हो,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तों करना स्वामी जब प्राण ।।
जब कंठ प्राण आवे,
कोई रोग ना सतावे,
यम दर्शना दिखावे,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण ।।
उस वक़्त जल्दी आना
नहीं श्याम भूल जाना
राधा को साथ लाना
जब प्राण तन से निकले
इतना तों करना स्वामी जब प्राण ।।
सुधि होवे नाही तन की,
तैयारी हो गमन की,
लकड़ी हो ब्रज के वन की,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण ।।
एक भक्त की है अर्जी,
खुदगर्ज की है गरजी,
आगे तुम्हारी मर्जी,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण ।।
ये नेक सी अरज है,
मानो तो क्या हरज है,
कुछ आप का फरज है,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण ।।