जबसे बांके बिहारी हमारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए,
गम जमाने के सारे,
गम जमाने के सारे,किनारे हुए।।
वो एक नज़र सा डाल के जादू सा कर गये,
नज़ारे मिला के मुझसे ना जाने किधर गये,
दुनिया से तो मिली थी मुझे हर कदम पे चोट,
पर उनकी एक नज़र से मेरे जख्म भर गये,
पर उनकी एक नज़र से मेरे जख्म भर गये।।
अब कही देखने की ना ख्वाइश रही,
अब कही देखने की ना ख्वाइश रही,
जबसे वो मेरी, जबसे वो मेरी, नजरो के तारे हुए,
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे, किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए।।
दर्द ही अब हुमारी दवा बन गया,
यह दर्द भी दौलत है,
यह दाग भी दौलत है,
जो कुच्छ भी यह दौलत है,
वो तेरी ही बडोलात है, प्यारे
गम जमाने के सारे,
गम जमाने के सारे, किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए।।













