Bhajan Name- Jo Kahna Teri Murli bhajan Lyrics ( जो कान्हा तेरी मुरली भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric –
Bhajan Singer – Dimpal Bhumi
Music Lable-
जो कान्हा तेरी मुरली
बजती कुंज वन में
हलचल सी मचती है,
धड़कन बढ़ती मन में।।
मुरली को होंठों से,
जब श्याम लगाते हो,
पीड़ा पल पल बढ़ती,
जब तान सुनाते हो,
ये काया तो घर रहती,
आता मन है वन में,
हलचल सी मचती है,
धड़कन बढ़ती मन में।।
तुम तो वन में जाकर,
निज गाय चराते हो,
हम काम करे घर का,
उस समय बुलाते हो,
एक कसम सी होती है,
उलझन होती तन में,
हलचल सी मचती है,
धड़कन बढ़ती मन में।।
बेदर्द कहूं तुमको,
या मुरली को सौतन,
तुम दोनों की संधि,
कर दे हमको जोगन,
‘प्रेम संतोष’ दर्शन का प्यासा,
गाये ‘डिम्पल’ धुन में,
हलचल सी मचती है,
धड़कन बढ़ती मन में।।
जो कान्हा तेरी मुरली,
बजती कुंज वन में,
हलचल सी मचती है,
धड़कन बढ़ती मन में।।