कीर्तन की है रात
बाबा आज थाने आणो है
थाने कोल निभानो है
कीर्तन की है रात ||
( तर्ज -एक तेरा साथ हमको । )
दरबार साँवरिया
ऐसो सज्यो प्यारो
दयालु आपको
सेवा में साँवरिया
सगला खड़ा डीके
हुकुम बस आपको
सेवा में थारी
सेवा में थारी
म्हाने आज बिछ जाणो है
थाने कोल निभानो है
कीर्तन की है रात ।।
कीर्तन की है तैयारी
कीर्तन करा जमकर
प्रभु क्यूँ देर करो वादों थारो दाता
कीर्तन में आणे को
घणी क्यूँ देर करो
भजना सू थाणे
भजना सू थाणे
ओ बाबा आज रिझाणो है
थाने कोल निभानो है
कीर्तन की है रात ।।
जो कुछ बण्यो म्हासु अर्पण प्रभु सारो
प्रभु स्वीकार करो
नादान सू गलती
होती ही आई है
प्रभु मत ध्यान धरो
“नंदू” साँवरिया
“नंदू” साँवरिया
थारो दास पुराणो है
थाने कोल निभानो है
कीर्तन की है रात
बाबा आज थाने आणो है
थाने कोल निभानो है
कीर्तन की है रात ||
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