Bhajan Name- Kyu Sajte Ho Kahniya Tum Tera Didar Kafi Hai bhajan Lyrics ( क्यों सजते हो कन्हैया तुम तेरा दीदार काफी है भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric – Sanjay Sharma
Bhajan Singer – Atul Krishna
Music Label-
क्यों सजते हो कन्हैया तुम
तेरा दीदार काफी है,
हमें दीवाना करने को,
नज़र का वार काफी है,
क्यो सजते हो कन्हैया तुम,
तेरा दीदार काफी है।।
तर्ज – जगत के रंग।
क्या उबटन केशरी जलवा,
क्यों चन्दन से सजे हो तुम,
क्यों चन्दन से सजे हो तुम,
की ब्रिज की धुल में जुसरित,
तेरा श्रृंगार काफी है,
क्यो सजते हो कन्हैया तुम,
तेरा दीदार काफी है।।
क्यों माथे स्वर्ण माणक और,
बहुमूलक मुकुट राखो,
बहुमूलक मुकुट राखो,
वो घुंघराले घने केशव,
पे मोर की पाख काफी है,
क्यो सजते हो कन्हैया तुम,
तेरा दीदार काफी है।।
क्या चंपा मोगरा जूही,
वैजयंती माल गल पेहरो,
वैजयंती माल गल पेहरो,
श्री राधा जी की बहियन का,
तेरे गल हार काफी है,
क्यो सजते हो कन्हैया तुम,
तेरा दीदार काफी है।।
ना छप्पन भोग की तृष्णा,
तुम्हे हरगिज़ नहीं कान्हा,
तुम्हे हरगिज़ नहीं कान्हा,
तुम्हे तो तृप्त करने को,
एक तुलसी सार काफी है,
क्यो सजते हो कन्हैया तुम,
तेरा दीदार काफी है।।
हो मोहक श्याम वर्णी तुम,
हो नामारूप घनश्यामा,
हो नामारूप घनश्यामा,
तेरी कृपा को बरसाने,
को मन मल्हार काफी है,
क्यो सजते हो कन्हैया तुम,
तेरा दीदार काफी है।।
कभी उर में हुआ गुंजन,
कहे कान्हा सुनले ‘पवन’,
कहे कान्हा सुनले ‘पवन’,
मैं तो बस भावना देखूं,
मुझे तो प्यार काफी है,
क्यो सजते हो कन्हैया तुम,
तेरा दीदार काफी है।।
क्यों सजते हो कन्हैया तुम,
तेरा दीदार काफी है,
हमें दीवाना करने को,
नज़र का वार काफी है,
क्यो सजते हो कन्हैया तुम,
तेरा दीदार काफी है।।
















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