सजा दो घर को गुलशन सा लिरिक्स

सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये है
मेरे सरकार आये है
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
मेरे सरकार आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये है ।।

( तर्ज -जगत के रंग में क्या देख । )


पखारो इनके चरणो को
बहा कर प्रेम की गंगा
बहा कर प्रेम की गंगा
बिछा दो अपनी पलको को
मेरे सरकार आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये है ।।

(सरकार आ गए है मेरे गरीब खाने मे
आया है दिल को सुकून उनके करीब आने में
से प्यासी अखियो को मिला आज वो सागर
भटका था जिसको पाने के खातिर इस ज़माने में।)

मुद्दत उमड़ आई मेरी आँखे
देख कर अपने बाबा को
देख कर अपने बाबा को
हुई रोशन मेरी गलियां
मेरे सरकार आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये है ।।

तुम आकर फिर नहीं जाना
मेरी इस सुनी दुनिया से
मेरी इस सुनी दुनिया से
कहूँ हर दम यही सब से
मेरे सरकार आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये है ।।

सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये है
मेरे सरकार आये है
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
मेरे सरकार आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये है ।।

Bhajan Singer – Raj Pareek Ji

 

  • मेरा माखन ना चुराओ श्याम पैयां पढ़ूँ भजन लिरिक्स Krishna Bhajan Lyrics 2026

  • ना पूजन किया है ना तपस्या ही की है भजन लिरिक्स Shiv Bhajan Lyrics 2026

Welcome to Bhajanlyric.com, your online source for bhajan lyrics. We are helping you connect with your spiritual journey.

Leave a Reply

Exit mobile version