Bhajan Name- Sawan Ki Ritu Jhulo Ki Bahar hai bhajan Lyrics ( सावन की ऋतू झूलों की बहार है भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric –
Bhajan Singer -Krishan Pallavi das
Music Lable-
सावन की ऋतू
झूलों की बहार है
रिमझिम रिमझिम,
पड़ने लगी फुहार है,
सावन की ऋतु,
झूलों की बहार है।।
तर्ज – काली कमली वाला।
वृन्दावन की कुंजे सज गई,
बरसाने में पता ये चल गई,
बरसाने में पता ये चल गई,
नन्द गाँव से आए,
नन्द कुमार है,
रिमझिम रिमझिम,
पड़ने लगी फुहार है,
सावन की ऋतु,
झूलों की बहार है।।
राधा संग विशाखा आई,
संग में सखी सहेली आई,
संग में सखी सहेली आई,
करके आई ये,
सोलह श्रृंगार है,
रिमझिम रिमझिम,
पड़ने लगी फुहार है,
सावन की ऋतु,
झूलों की बहार है।।
वृक्ष कदम्ब पे झूला डारयो,
श्याम जू को लग्यो है प्यारो,
श्याम जू को लग्यो है प्यारो,
हौले झोटा देवे,
नन्द कुमार है,
रिमझिम रिमझिम,
पड़ने लगी फुहार है,
सावन की ऋतु,
झूलों की बहार है।।
‘तनुज’ के मन को भावे सावन,
प्रेम सुधा सुखरस सा पावन,
प्रेम सुधा सुखरस सा पावन,
‘कृष्ण पल्लवी’ को भी,
इनसे प्यार है,
रिमझिम रिमझिम,
पड़ने लगी फुहार है,
सावन की ऋतु,
झूलों की बहार है।।
सावन की ऋतू,
झूलों की बहार है,
रिमझिम रिमझिम,
पड़ने लगी फुहार है,
सावन की ऋतु,
झूलों की बहार है।।
















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