Bhajan Name- Shipra Kinare Baithe Hue Hai More bhajan Lyrics ( शिप्रा किनारे बैठे हुए है मोरे उज्जैन के महाराज भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric – Prayag Chanware & Kishan Bhagat
Bhajan Singer – Kishan Bhagat
Music Label- Kishan Bhagat
दोहा -भस्म से श्रृंगार सजा है ,
सा अलौकिक रूप है ,
चंद्र विराजे माथे मुकुट सा,
ऐसा उनका स्वरुप है II
शिप्रा किनारे बैठे शम्भू
शिप्रा किनारे बैठे हुए है मोरे,
उज्जैन के महाराज,
उज्जैन के महाराज,
मोरे उज्जैन के महाराज,
शिप्रा किनारे बैठे हुए है,
मोरे उज्जैन के महाराज II
तेरी नगरीया आते है योगी,
आते अघोरी, आते है जोगी,
मेला ये भक्तो का तेरे ही रंग में,
तेरे दीवाने तेरे ही रंग में
रंग के धूम मचाये रे,
भस्म रमाये बैठे हुए है,
मोरे देवो के सरताज़,
शिप्रा किनारे बैठे हुए है,
मोरे उज्जैन के महाराज II
भगत हूँ भोले तेरा पुराना,
नाम से तेरे ये जाने जमाना,
जितना भी देदे तू ज्यादा न कम है,
तुझसे शुरू सब तुझपे खत्म है,
उज्जैन पलटाये बैठे हुए है मोरे,
उज्जैन के महाराज,
भस्म रमाये बैठे हुए है,
मोरे देवो के सरताज़,
शिप्रा किनारे बैठे हुए है,
मोरे उज्जैन के महाराज II
तेरे नगर की डगर पे में आता हूँ,
मदमस्त सी एक हवा में खो जाता हूँ,
भर आती है आँखे दर्शन तेरा पाके,
साँसों में भी मेरी तुझको ही पाता हूँ,
शिप्रा किनारे बैठे हुए है,
मोरे उज्जैन के महाराज II












