Bhajan Name- Thari Kai Cha Mansaya Kai Cha Vichar Bhajan Lyrics ( थारी कांई छः मनस्या कांई छः विचार भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric –
Bhajan Singer – महाराज श्री श्याम सिंह जी चौहान
Music Label-
थारी कांई छः मनस्या,
कांई छः विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।।
हार गयो जी मैं तो विनती कर क,
पड़ी नहीं काना भणकार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।।
म्हे दुखिया ना चैन घड़ी को,
थे तो जाणो सारी सार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।।
थां सं या भी नाहिं छानी,
छः नही म्हारो और आधार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।।
देर करो थाणे जितनी करणी,
सुणनी पडसी करुण पुकार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।।
म्हारै लाम थारे ढील घणी है,
बेगा आवो नही करो ऊवार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।।
आलूसिंह जी थारों ध्यान लगाव,
रोज कर थारों श्रृंगार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।।
थारी कांई छः मनस्या,
कांई छः विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।।