वृंदावन का ये मंदिर अपने आप ही खुलता और बंद हो जाता है

वृंदावन का ये मंदिर अपने आप ही खुलता और बंद हो जाता है
Image Credit- Google.co.in ( वृंदावन का ये मंदिर अपने आप ही खुलता और बंद हो जाता है )

हमारे अखंड भारत में बहुत से ऐसे मंदिर है जहाँ रोज चमत्कार होते रहते है जहाँ हमे अनोखी अनोखी बातों का पता चलता है या फिर ऐसे कहे कि खुलासा होता है | उन्ही मंदिरों में से एक मंदिर वृंदावन धाम में भगवान कृष्ण का है | वैसे तो वृन्दावन में बहुत सारी भगवान श्री कृष्ण के मंदिर है लेकिन यह मंदिर इतना चमत्कारिक है जिसके बारे में आप जानकर हैरान हो जाएंगे | इस मंदिर के प्रथम खास बात यही है कि ये मंदिर अपने आप ही खुलता और बंद हो जाता है | अगर आप वृन्दावन गए होंगे या नहीं भी गए होंगे तो भी आपने इस मंदिर के बारे और इसका नाम सुना ही होगा | यह मंदिर निधिवन में है |

भगवान श्रीकृष्ण रोजाना शयन करने के लिए आते

निधिवन के पुजारीजन बताते है और हम सभी भक्तो का भी अटूट विस्वाश है कि निधिवन में बने मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण रोजाना शयन करने के लिए आते है | और इसलिए ही मंदिर के पुजारीजन के द्वारा रोज मंदिर में भगवान के शयन के प्रबंध में वह बिस्तर लगाया जाता है | बिस्तर में साफ सुथरे गद्दे एवं चादर बिछाई जाती है | रोज-प्रतिदिन जब पुजारीजन मंदिर में सफाई के लिए जाते है तो वहाँ उन्हे बिस्तर में पड़ी सलबटे ये बताती है कि यहाँ कोई सोने के लिए आया था |

माखन मिश्री लगता हैं भोग

इस मंदिर में रोज भक्तों को प्रसाद में माखन मिश्री बांटी जाती है, वही जो प्रसाद बचता है उसे मंदिर में रख दिया जाता है | लेकिन पुजारीजन द्वारा बताया जाता है कि बचा हुआ जो भी प्रसाद होता है सुबह तक वो पूर्णता समाप्त कर हो जाता है | हम सभी को पता है कि हमारे प्रभु नटनागर भगवान श्री कृष्ण को माखन-मिश्री कितनी ज्यादा प्रिय है इसलिए मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ही माखन मिश्री को समाप्त कर देते है |

वृंदावन का ये मंदिर अपने आप ही खुलता और बंद हो जाता है
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मंदिर में संत हरिदास ने राधाकृष्ण को साक्षात किया था प्रकट

महान संतो द्वारा बताया जाता है कि वृन्दावन निधिवन में तानसेन के गुरु संत हरिदास जी द्वारा यहाँ बैठ कर श्रीकृष्ण और राधा रानी को भजन सुनाया जाता था | संत बताते है कि जब संत श्री हरिदास जी भजन गाते थे तो श्रीकृष्ण एवं राधा रानी साक्षात बैठ कर उनके भजनों को सुनते थे | इसी कृपा के आधार अनुसार श्रीकृष्ण एवं राधा रानी अपने युगल स्वरूप को साक्षात प्रकट किया था | यही पर ही स्वामी जी की समाधि भी बनी है |  और इसी मंदिर में श्री राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण के सोने की व्यवस्था की जाती है | जो निरंतर आज भी चल रही है |

मंदिर से जुड़े हैं ये अन्य रहस्य

निधिवन के इस मंदिर के बारे संत बताते है कि भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी रासलीला करने के लिए हर रात को आते है | कहते है कि अगर कोई व्यक्ति के रात में छिपकर राधा-कृष्ण की रास लीला को देखने की कोशिश करता है तो वह पागल हो जाता है। उसकी आंखों की रोशनी चली जाती हैं। इसलिए मंदिर के शाम की आरती के बाद किसी जाना वर्जित है | मंदिर परिसर में तुलसी के कई पौधे हैं कहते हैं रात के समय ये पौधे राधा की गोपियां बन जाती हैं और उनके साथ नृत्य करती हैं। इस तुलसी का पत्ता भी कोई नहीं ले जाता है।

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