भगवान का चमत्कार जब लोगों ने मीरा बाई के चरित्र पर उठाई उंगली ?
मीरा बाई के भक्ति से परेशान राणा ने मीरा बाई को मारने के लिए कई सारे तरीके अपनाए लेकिन सारे विफल होते गए |
भगवान कृष्ण ने मीरा बाई की पल पल रक्षा की ऐसे ही एक कथा है जब महल के एक दास ने मीरा बाई के कमरे से किसी पुरुष की आवाज सुनी |
तो उसने राणा को सब बताते हुए मीरा बाई के चरित्र पर सवाल उठाया और राणा के कान भर दिए ।
उसने कहा कि वह दिन में तो भक्ति भाव दिखाती है, लेकिन रात में उनके कमरे में किसी पुरुष की आवाज सुनाई देती है। ।
यह सुन राणा का गुस्सा भड़क गया और मीरा बाई के कक्ष के बाहर पहुँच गए जहाँ उन्हें भगवान की लीला से बंद दरवाजे में से वह आवाज सुनाई दी |
यह सुन राणा क्रोध में लाल हो तुरंत दरवाजा खोला तो मीरा बाई प्रेम समाधि में बैठी मिली | तो मीरा बाई को चेत कराकर उस पुरुष के बारे में पुछा
तो मीरा बाई ने जवाब दिया - 'मेरे छैल- छबीले गिरधरलाल जी के सिवा और कौन हो सकता है। जगत में दूसरा कोई हो तो आवे।'
मीरा ने पद गाया 'राणाजी! मैं सांवरे रंग राची। सज सिणगार पद बांध घूंघरू, लोक लाज तजि नाची।।'
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