उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के बीचो बीच धारी देवी का मंदिर है | इस मंदिर में मौजूद माता की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है |

Image Credit - Google.co.in

सुबह एक लड़की, दोपहर में महिला और दिन के अंत में एक बूढ़ी औरत की तरह दिखती है.  

Image Credit - Google.co.in

इस मंदिर को धारी देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है | धारी देवी को कल्याणेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है |

Image Credit - Google.co.in

उन्हें उत्तराखंड की संरक्षक माना जाता है | पौराणिक कथाओं के अनुसार, धारी देवी मंदिर एक बार भीषण बाढ़ में बह गया था. 

Image Credit - Google.co.in

इस दौरान मंदिर में मौजूद माता की मूर्ति भी बह गई थी | और मूर्ति काफी देर तक बहने के बाद दूर स्थित एक गाँव था |

Image Credit - Google.co.in

जिसका नाम था धारो गांव के पास स्थित चट्टान से टकराकर रुक गई थी. मान्यता है कि इस दौरान मूर्ति से एक आवाज निकली थी |

Image Credit - Google.co.in

गांव वालों ने मूर्ति से विलाप की आवाज सुनाई सुनी और पवित्र आवाज़ ने उन्हें मूर्ति स्थापित करने का निर्देश दिया | धारा देवी के दो भाग हैं 

Image Credit - Google.co.in

उनके शरीर का ऊपरी हिस्सा धारी देवी मंदिर में प्रकट हुआ | जबकि निचला हिस्सा कालीमठ मंदिर में प्रकट हुआ | जहां उन्हें मां काली के रूप में पूजा जाता है 

Image Credit - Google.co.in

पौराणिक कथा के अनुसार धारी देवी की मूर्ति को किसी भी छत के नीचे नहीं रखा जा सकता |  अत: वह भाग सदैव आकाश की ओर खुला रखा जाता है |

Image Credit - Google.co.in