श्रीमद्भगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है की इस ब्रह्मांड में केवल ‘चार प्रकार के व्यक्ति मेरी भक्ति करते हैं-
दुःखी, जिज्ञासु, ज्ञानी और आकांक्षी’। लेकिन ऐसा क्यों ? क्यों ये चार लोग ही भगवान की भक्ति करते है ?
पहला जब कोई व्यक्ति दुखी होता है तब मेरी भक्ति करता है। मतलब जब तक उसे किसी प्रकार का दुख दर्द नहीं होता वह मेरी भक्ति तो क्या मुझे कभी याद तक नहीं करता ।
दूसरे जिनके मन में सत्य के साक्षात्कार की तड़प होती है, जो जिज्ञासु होते हैं। यानि जिनके मन में भगवान को साक्षात देखने की इच्छा होती है।
तीसरे प्रकार के व्यक्ति जो ज्ञानी होते हैं, वे मुझे याद करते हैं। इसी ज्ञान भाव के चलते वो मेरी भक्ति करते हैं।
चौथे वे होते हैं जिनके मन में किसी वास्तु की आकांक्षा उभर आती है। वे उसकी पूर्ति के लिए भगवान को याद करते हैं।
मतलब जिन लोगों को किसी चीज को पाने की ख्वाहिश होती है वो उसी भाव से भगवान को हर समय याद करते रहते हैं।
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