ग्वाईनिया सीजियम-137 कांड: एक रेडियोएक्टिव डिजास्टर की दिल दहला देने वाली कहानी
परिचय
28 सितंबर 1987, ब्राजील के ग्वाईनिया शहर में, एक महिला हेल्थ डिपार्टमेंट ऑफिस में घबराई हुई दाखिल हुई। उसके हाथ में एक पुराना बैग था, जिसे उसने डॉक्टर की डेस्क पर पटकते हुए कहा, “यह बैग मेरे परिवार को मार रहा है।” डॉक्टर को यह बात पहले तो अजीब लगी, लेकिन जब उन्होंने बैग में रखी चमकीली पाउडर जैसी चीज देखी और 24 घंटे के भीतर खुद असामान्य लक्षण महसूस किए, तो उन्हें यकीन हो गया कि मामला गंभीर है। यह घटना सिर्फ उस महिला के परिवार तक सीमित नहीं रही; धीरे-धीरे इसने पूरे ग्वाईनिया शहर को अपनी चपेट में ले लिया।
आखिरकार, इस खतरनाक रेडियोएक्टिव डिजास्टर के कारण लाखों लोगों को शहर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन यह सब हुआ कैसे? एक पुरानी मेडिकल मशीन से निकला यह रेडियोएक्टिव पाउडर आखिर क्या था? और इसने इतने बड़े पैमाने पर तबाही कैसे मचाई? चलिए, इस खौफनाक घटना की गहराई में झांकते हैं।
ग्वाईनिया कांड की शुरुआत
हॉस्पिटल का खंडहर बनना
यह कहानी शुरू होती है 1985 में, जब ग्वाईनिया के एक प्राइवेट हॉस्पिटल को लीगल विवादों के कारण बंद कर दिया गया। इस हॉस्पिटल में कैंसर के इलाज के लिए अत्याधुनिक मशीनें थीं, लेकिन हॉस्पिटल के बंद होने के बाद इन्हें वहीं छोड़ दिया गया। समय के साथ, यह इमारत खंडहर में तब्दील हो गई और आसपास के लोगों के लिए डरावनी जगह बन गई।
लोगों का मानना था कि हॉस्पिटल में मरने वाले मरीजों की आत्माएं यहां भटकती हैं। डर और अफवाहों के कारण कोई भी रात के समय इसके पास जाने की हिम्मत नहीं करता था।
चोरी का अंजाम
13 सितंबर 1987 को, दो चोर—रॉबर्टो एल्विस और वैगनर पेरियार—इस खंडहरनुमा हॉस्पिटल में घुसने का साहस करते हैं। उन्हें यकीन था कि यहां अभी भी कुछ महंगे मेडिकल उपकरण होंगे, जिन्हें बेचकर वे पैसे कमा सकते हैं।
जब उन्होंने इमारत के अंदर खोजबीन शुरू की, तो उनकी नजर एक बड़ी और भारी मशीन पर पड़ी। यह एक पुरानी रेडियोथेरेपी मशीन थी, जो देखने में कीमती लग रही थी। उन्होंने इसे तोड़कर अलग-अलग हिस्सों में ले जाने का फैसला किया। लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि यह उनकी सबसे बड़ी गलती साबित होगी।
रेडियोएक्टिव सिलेंडर की तबाही
चमकीले पाउडर का खुलासा
मशीन को तोड़ने के बाद, उन्हें एक स्टेनलेस स्टील का बेलनाकार सिलेंडर मिला। इसे खोलने में तीन दिन लग गए। जब सिलेंडर खुला, तो इसके अंदर उन्हें एक चमकीला पाउडर मिला, जो चावल के दानों जैसा लग रहा था। इस पाउडर की चमक ने उन्हें हैरान कर दिया।
पहली तबाही
इस पाउडर को छूने और इसके संपर्क में आने से उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। वैगनर का हाथ सूज गया और लाल हो गया, मानो वह जल गया हो। दूसरी ओर, रॉबर्टो ने इसे बेचने का फैसला किया और इसे कबाड़ी बाजार में ले गया।
रेडियोएक्टिव पाउडर का फैलाव
कबाड़ी बाजार से पड़ोसियों तक
कबाड़ी बाजार में इस रेडियोएक्टिव सिलेंडर को खरीदने वाले देवियर फेरियर ने इसे अपने घर ले जाकर रखा। रात में, उसने देखा कि यह पाउडर नीली रोशनी निकाल रहा था। इस आकर्षक चमक को उसने अपने दोस्तों और पड़ोसियों को दिखाया।
लोग इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इस पाउडर को अपने घर ले जाने की अनुमति मांगी। फेरियर ने सबको थोड़ा-थोड़ा पाउडर दे दिया। कुछ ने इसे अपने घर सजाने के लिए रखा, तो कुछ ने इसे त्वचा पर क्रीम की तरह इस्तेमाल किया।
एक मासूम बच्ची की त्रासदी
फेरियर के भाई ने इस पाउडर को अपनी 6 साल की बेटी को खेलने के लिए दे दिया। बच्ची ने इसे अपने चेहरे पर लगाया और यहां तक कि इसे सैंडविच में डालकर खा लिया। वह मासूम यह नहीं जानती थी कि यह चमकीला पाउडर उसके लिए जानलेवा साबित होगा।
बीमारी और डर का फैलाव
शहर में बीमारी का प्रकोप
इस पाउडर के संपर्क में आने वाले लोगों में धीरे-धीरे बीमारी के लक्षण दिखने लगे। तेज बुखार, उल्टी, त्वचा पर जलने जैसे निशान, और बाल झड़ने जैसी समस्याएं आम हो गईं।
स्वास्थ्य विभाग में शिकायत
जब फेरियर की पत्नी मारिया को यह एहसास हुआ कि यह बीमारी पाउडर के कारण हो रही है, तो वह इस चमकीले पाउडर को बैग में भरकर हेल्थ डिपार्टमेंट पहुंची। वहां डॉक्टर ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब खुद डॉक्टर की तबीयत बिगड़ने लगी, तो उन्होंने इसे जांच के लिए विशेषज्ञों के पास भेजा। डाकुओं ने जब एक भक्त के हाथ पैर काट कर जंगल में फेंक दिया )
रेडिएशन का खुलासा
सिंटन काउंटर से माप
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. वाल्टर फेरियर ने शहर में रेडिएशन का स्तर मापने के लिए सिंटन काउंटर का इस्तेमाल किया। उन्होंने पाया कि शहर में रेडिएशन का स्तर खतरनाक रूप से अधिक है।
सीजियम-137 की पहचान
डॉ. वाल्टर ने बैग की जांच की और पाया कि यह रेडियोथेरेपी मशीन का कोर था, जिसमें सीजियम-137 नामक रेडियोएक्टिव पदार्थ था। यह पदार्थ कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होता है, लेकिन अगर इसका सही तरीके से निपटारा न किया जाए, तो यह घातक साबित हो सकता है। ( इसे भी पढे- मां शाकंभरी देवी की परम आनंदमयी कथा )
शहर को सील करना और आपदा प्रबंधन
ब्राजील सरकार की कार्रवाई
रेडिएशन के बढ़ते खतरे को देखते हुए, ब्राजील सरकार ने पूरे ग्वाईनिया शहर को सील कर दिया। वहां रहने वाले लाखों लोगों को क्वारंटीन किया गया।
सफाई अभियान और नुकसान
विशेषज्ञों की टीम ने शहर को रेडियोएक्टिव पदार्थ से साफ करने का अभियान शुरू किया। हजारों घरों को नष्ट किया गया और हजारों टन रेडियोएक्टिव कचरे को सुरक्षित रूप से ठिकाने लगाया गया।
निष्कर्ष
ग्वाईनिया सीजियम-137 कांड एक ऐसी घटना थी, जिसने यह सिखाया कि रेडियोएक्टिव पदार्थों का सही तरीके से निपटारा कितना महत्वपूर्ण है। इस घटना ने न केवल सैकड़ों लोगों की जान ली, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी बदल दी।
FAQs
1. सीजियम-137 क्या है?
सीजियम-137 एक रेडियोएक्टिव आइसोटोप है, जो कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होता है।
2. ग्वाईनिया कांड कब हुआ?
यह घटना 13 सितंबर 1987 को शुरू हुई।
3. इस घटना में कितने लोग प्रभावित हुए?
हजारों लोग रेडिएशन के संपर्क में आए और सैकड़ों की जान गई।
4. ग्वाईनिया कांड से क्या सबक मिला?
यह घटना रेडियोएक्टिव पदार्थों के सही निपटारे की जरूरत को रेखांकित करती है।
5. इस घटना को कैसे रोका जा सकता था?
अगर बंद हॉस्पिटल की मशीनों का सही तरीके से निपटारा किया जाता, तो यह घटना नहीं होती।
FAQs
1. What is Cesium-137?
Cesium-137 is a radioactive isotope commonly used in medical equipment for cancer treatments, but it is highly dangerous if mishandled or improperly disposed of.
2. When did the Goiania Cesium-137 disaster occur?
The incident began on September 13, 1987, in Goiania, Brazil, and escalated over the following weeks as the radioactive contamination spread.
3. How many people were affected by the Goiania disaster?
Thousands of people were exposed to radiation, hundreds were treated for contamination, and at least four people died due to acute radiation syndrome.
4. What lessons can be learned from this incident?
The incident highlights the critical importance of safely disposing of radioactive materials, proper training for personnel, and public awareness about the dangers of radioactive substances.
5. Could this disaster have been prevented?
Yes, if the abandoned hospital’s radioactive equipment had been securely stored or safely decommissioned, the tragic chain of events could have been avoided.