Bhajan Name- Jai Durge Bhawani Bhajan Lyrics ( जय माँ काली हे दुर्गा भवानी भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric-Abhilipsa Panda
Bhajan Singer-Abhilipsa Panda
Music Label-
कात्यायनि महामाये खड्ग-बाण-धनुर्धरे ।
खड्गधारिणि चण्डि श्री दुर्गादेवी नमोऽस्तु ते II
जय माँ काली हे दुर्गा भवानी।
जय माँ काली हे दुर्गा भवानी।
तू जगदम्बा तुही शिवानी।
सब संतति की रक्षा करती।
सब संतति की रक्षा करती।
जग जननी माँ तुही दयानी।।
जग जननी माँ तुही दयानी।।
जय माँ काली हे दुर्गा भवानी।
जय माँ काली हे दुर्गा भवानी।
खप्पर खड़ग त्रीशुल हाथ धर।
रण-चंडी का रूप धार कर।
खप्पर खड़ग त्रीशुल हाथ धर।
रण-चंडी का रूप धार कर।
शुम्भ निशुम्भ संघार करो माँ।
शुम्भ निशुम्भ संघार करो माँ।
विनती करते हाथ जोड़ कर।।
विनती करते हाथ जोड़ कर।।
जय माँ काली हे दुर्गा भवानी।
जय माँ काली हे दुर्गा भवानी।
नरमुंड धार बनी चण्ड मुंड काल,
खड्ग चूमे वायु, आगे बढे पापी झुण्ड मार,
कंठ धार खड्ग की लगा दे माँ चामुंडा,
पापी हुआ दास तो बहा देना तू रक्त धार,
प्राणी बैठा लोभ साथ, खो बैठा है बोध आज ,
प्राणी करता पूजा पाठ, प्राणी पहने पापी ताज,
प्राणी छीने नारी लाज, प्राणी चीरे पशु मांस,
हवस बैठी प्राणी माथ, बुरा कर्म शिशु साथ,
चण्ड मुंड आज के ये सारे योग्य नाश के,
चंड मुंड आज के विचारों में ही सांस ले,
ह्रदय बोले मेरा भला किसे बोलूं राक्षस,
चण्ड मुंड मारे जो या प्राणी पापी आज के,
चण्ड मुंड जो अंदर माँ ये काफी है भयंकर,
थामो फिर से कर में खप्पर, देदो इनको फिर से टक्कर ,
थक कर जब गिरेंगे थल पर, इनपे वार करो निरंतर,
सर थामा जो कर में वो उड़ा दो माता हँसकर,
दास तेरा अर्ध भक्त और माता अर्ध नीच,
खड्ग को उठा बहा दो नदी पापी रक्त की,
रातें तेरी शुरू माँ दास करे प्रार्थना,
औरों से हाँ पहले मेरा मार देना रक्तबीज,
सूर्य चंद्र सम नेत्र तुम्हारे।
ध्याना धारे तेरा सांझ सकारे।
ब्रह्मा विष्णु शिश नवाए,
ब्रह्मा विष्णु शिश नवाए,
दुर करो सब कष्ट हमारे,
दुर करो सब कष्ट हमारे,
जय माँ काली हे दुर्गा भवानी।
जय माँ काली हे दुर्गा भवानी।
तू जगदम्बा तुही शिवानी।
तू जगदम्बा तुही शिवानी।
सब संतति की रक्षा करती।
सब संतति की रक्षा करती।
जग जननी माँ तुही दयानी।।
जग जननी माँ तुही दयानी।।
















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