महाभारत की गूढ़ कथा: नारायणी सेना, कलरीपट्टू और अन्य अनसुने रहस्य

महाभारत की गूढ़ कथा: नारायणी सेना, कलरीपट्टू और अन्य अनसुने रहस्य

परिचय

महाभारत केवल एक युद्ध नहीं था, बल्कि यह एक महाकाव्य है जो धर्म, अधर्म, प्रेम, त्याग और छल की कहानियों से भरा हुआ है। महाभारत में कई पात्र और घटनाएँ ऐसी हैं जो आज भी रहस्यमयी और प्रेरणादायक हैं। इस लेख में हम विस्तार से श्रीकृष्ण की नारायणी सेना, कलरीपट्टू का इतिहास, कर्ण की मृत्यु का सच, द्रौपदी के जीवन के नियम और शकुनि की चाल को गहराई से समझेंगे।

महाभारत के अनसुने रहस्य


1. श्रीकृष्ण और नारायणी सेना का उदय

महाभारत युद्ध की तैयारी के दौरान दुर्योधन और अर्जुन दोनों सहायता के लिए श्रीकृष्ण के पास गए। उस समय श्रीकृष्ण विश्राम कर रहे थे।

  • जब कृष्ण जागे, तो उन्होंने पहले अर्जुन को देखा, क्योंकि अर्जुन उनके पैरों के पास बैठे थे, जबकि दुर्योधन उनके सिरहाने बैठा था।
  • कृष्ण ने दोनों से कहा कि मैं किसी के पक्ष में युद्ध नहीं करूंगा, लेकिन दो विकल्प दूंगा:
    1. नारायणी सेना – श्रीकृष्ण की अद्भुत और घातक सेना।
    2. स्वयं श्रीकृष्ण – जो युद्ध में हथियार नहीं उठाएंगे।

दुर्योधन ने तुरंत नारायणी सेना चुनी, क्योंकि उसे सेना की ताकत पर भरोसा था। वहीं अर्जुन ने श्रीकृष्ण को चुना, क्योंकि उन्हें कृष्ण के मार्गदर्शन पर विश्वास था।

नारायणी सेना का महत्व:

  • नारायणी सेना श्रीकृष्ण की सेना थी, जिसे उन्होंने कलरीपट्टू नामक युद्धकला सिखाकर तैयार किया था।
  • यह सेना महाभारत के सबसे कुशल योद्धाओं में गिनी जाती थी।
  • श्रीकृष्ण का एक नाम नारायण है, इसी कारण उनकी सेना को “नारायणी सेना” कहा गया।
  • इस सेना का ध्वज गरुड़ के चिह्न से सुशोभित था, जो भगवान विष्णु का वाहन है और विजय का प्रतीक है।


2. कलरीपट्टू: सबसे प्राचीन युद्धकला

कलरीपट्टू भारत की सबसे पुरानी युद्धकला है, जिसे श्रीकृष्ण ने विकसित किया।

  • इस कला में शरीर को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
  • युद्ध के दौरान इसे बेहद कुशलता से प्रयोग किया जाता था।
  • श्रीकृष्ण ने अपनी नारायणी सेना को इसी कला के जरिए प्रशिक्षित किया।

कलरीपट्टू का विस्तार:

  • यह कला बाद में बोधिधर्मन नामक योद्धा और संत द्वारा चीन तक पहुँची।
  • बोधिधर्मन ने इसमें कुछ परिवर्तन कर इसे “मार्शल आर्ट्स” का रूप दिया।
  • आज जो कराटे, कुंग-फू और अन्य मार्शल आर्ट्स हैं, उनका मूल आधार कलरीपट्टू ही है।  इसे भी पढे- मां शाकंभरी देवी की परम आनंदमयी कथा )


3. कर्ण की कहानी: त्याग और त्रासदी का प्रतीक

सूर्यपुत्र कर्ण महाभारत के सबसे महान धनुर्धरों में से एक थे।

  • कर्ण का जन्म कुंती के सूर्यदेव से हुआ था, लेकिन उन्हें जन्म के तुरंत बाद छोड़ दिया गया।
  • उनका पालन-पोषण एक रथ चालक के घर हुआ।

कर्ण का कवच और कुंडल:

  • कर्ण के पास जन्मजात कवच और कुंडल थे, जो उन्हें अजेय बनाते थे।
  • इंद्रदेव ने ब्राह्मण का वेश धारण कर कर्ण से उनका कवच और कुंडल दान में माँग लिए।
  • कर्ण ने अपने धर्म का पालन करते हुए उन्हें दान कर दिया।

कर्ण की मृत्यु:

  • युद्ध के दौरान अर्जुन ने कर्ण को तब मारा, जब उनका रथ धरती में फँसा हुआ था और वह निःशस्त्र थे।
  • कर्ण की मृत्यु के बाद कुंती ने पांडवों को बताया कि कर्ण उनका बड़ा भाई था।
  • युधिष्ठिर को यह जानकर इतना दुःख हुआ कि उन्होंने गुस्से में अपनी माँ को श्राप दिया:
    “आज के बाद कोई भी महिला अपने पेट में कोई बात नहीं रख पाएगी।”

यह श्राप आज भी एक कहावत के रूप में प्रसिद्ध है।


4. द्रौपदी का जीवन और पाँच पतियों के साथ नियम

द्रौपदी का विवाह पाँचों पांडवों से हुआ था। यह विवाह महाभारत का एक अनोखा और महत्वपूर्ण प्रसंग है।

  • पांडवों के बीच विवाद न हो, इसलिए युधिष्ठिर ने एक नियम बनाया:
    • हर वर्ष द्रौपदी केवल एक पांडव के साथ रहेगी।
    • उस दौरान कोई अन्य पांडव उनके कक्ष में प्रवेश नहीं कर सकता।
  • यदि नियम तोड़ा गया, तो दोषी को 12 वर्ष का वनवास भुगतना होगा।

अर्जुन का वनवास:


5. महाभारत युद्ध की जड़: शकुनि की चाल

कौरवों और पांडवों के बीच की दुश्मनी के पीछे शकुनि की बड़ी भूमिका थी।

  • शकुनि ने बचपन से ही कौरवों के मन में पांडवों के प्रति ईर्ष्या और नफरत का बीज बोया।
  • उसने दुर्योधन को छल-कपट के रास्ते पर चलाया, जिससे महाभारत का युद्ध हुआ।

निष्कर्ष

महाभारत की कहानियाँ सिर्फ ऐतिहासिक घटनाएँ नहीं हैं, बल्कि यह हमें जीवन के गहरे सबक सिखाती हैं। श्रीकृष्ण की नारायणी सेना, कलरीपट्टू की उत्पत्ति, कर्ण का त्याग, द्रौपदी का संघर्ष और शकुनि की चाल सभी हमें धर्म, निष्ठा और सत्य का महत्व बताते हैं।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. नारायणी सेना का क्या महत्व था?
नारायणी सेना श्रीकृष्ण की सेना थी, जो महाभारत युद्ध में सबसे शक्तिशाली और प्रशिक्षित मानी जाती थी।

2. कलरीपट्टू क्या है?
कलरीपट्टू भारत की सबसे प्राचीन युद्धकला है, जिसे श्रीकृष्ण ने विकसित किया और बाद में यह मार्शल आर्ट्स का आधार बना।

3. कर्ण का कवच और कुंडल क्यों महत्वपूर्ण थे?
कवच और कुंडल कर्ण को अजेय बनाते थे। इन्हें इंद्रदेव ने छल से कर्ण से माँग लिया था।

4. युधिष्ठिर ने कुंती को श्राप क्यों दिया?
कुंती ने कर्ण के जन्म का सच छुपाया था, जिससे गुस्से में युधिष्ठिर ने उन्हें श्राप दिया कि महिलाएँ कोई बात गुप्त नहीं रख पाएँगी।

5. अर्जुन को वनवास क्यों मिला?
अर्जुन ने नियम तोड़कर द्रौपदी के कक्ष में प्रवेश किया था, जिसके कारण उन्हें 12 वर्ष का वनवास भुगतना पड़ा।


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