Bhajan Name- Na To Roop Hai Na To Rang Hai bhajan Lyrics ( ना तो रूप है ना तो रंग है भजन लिरिक्स )
Bhajan Lyric –
Bhajan Singer – आचार्य पं. जितेंद्र भार्गव
Music Lable-
ना तो रूप है ना तो रंग है
ना तो गुणों की कोई खान है,
फिर श्याम कैसे शरण में ले,
इसी सोच फिक्र में जान है,
ना तो रूप हैं ना तो रंग हैं।।
नफरत है जिनसे उन्हें सदा,
उन्हीं अवगुणों में मैं हूँ बँधा,
कलि कुटिलता है कपट भी है,
हठ भी और अभिमान भी है,
फिर श्याम कैसे शरण में ले,
इसी सोच फिक्र में जान है,
ना तो रूप हैं ना तो रंग हैं।।
तन मन वचन से विचार से,
लगी लौ है इस संसार से,
पर स्वप्न में भी तो भूलकर,
उनका कुछ भी न ध्यान है,
फिर श्याम कैसे शरण में ले,
इसी सोच फिक्र में जान है,
ना तो रूप हैं ना तो रंग हैं।।
सुख शान्ति की तो तलाश है,
साधन न एक भी पास है,
न तो योग है न तप कर्म है,
न तो धर्म पुण्य दान है,
फिर श्याम कैसे शरण में ले,
इसी सोच फिक्र में जान है,
ना तो रूप हैं ना तो रंग हैं।।
कुछ आसरा है तो यही,
क्यों करोगे मुझ पे कृपा नहीं,
इक दीनता का हूँ ‘बिन्दु’ मैं,
वो दयालुता के निधान हैं,
फिर श्याम कैसे शरण में ले,
इसी सोच फिक्र में जान है,
ना तो रूप हैं ना तो रंग हैं।।
ना तो रूप है ना तो रंग है,
ना तो गुणों की कोई खान है,
फिर श्याम कैसे शरण में ले,
इसी सोच फिक्र में जान है,
ना तो रूप हैं ना तो रंग हैं।।