दीनानाथ मेरी बात,
छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा
जासी कठे मेरे से ।।
खाटू वाले श्याम तेरी
शरण में आ गयो
श्याम प्रभु रूप तेरो
नैणां में समां गयो
बिसरावे मत बाबा
हार मानी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा
जासी कठे मेरे से ।।
बालक हूँ मैं तेरो श्याम
मुझको निभायले
दुखड़े को मारो मन्त्रे
कालजे लगायले
पथ दिखलादे बाबा
काढ़ दे अँधेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा
जासी कठे मेरे से ।।
मुरली अधर पे
कदम तले झूमे हैं
भक्त खड़ा तेरे
चरण ने चूमे हैं
खाली हाथ बोल कया
जाऊ तेरे नेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा
जासी कठे मेरे से ।।
दीनानाथ मेरी बात,
छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा
जासी कठे मेरे से ।।
Bhajan Singer – Sanju Sharma Ji
-
जब एक भक्त राजा के लिए खुद ठाकुर जी को करना पड़ा युद्ध