दुनिया के पांच सबसे रहस्यमय मंदिर और उनके रहस्य

दुनिया के पांच सबसे रहस्यमय मंदिर जिनके रहस्य का पता आज तक वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए | आज इन पांच मंदिरों के बड़े में जानकर आप भी हैरान हो जाओगे तो आई जानते हैं इन दिव्य मंदिरों के बारे में….

5-पद्मनाभस्वामी मंदिर

दुनिया के पांच सबसे रहस्यमय मंदिर

भारत के केरल राज्य के तिरुवंतपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर श्री हरि विष्णु का सबसे बड़ा और रहस्य में मंदिर है इस मंदिर के गर्भग्री में स्थित सात दरवाजो में से छह दरवाजे को खोल जा चुका है | ऐसा बताया जाता है कि इसमे इतना ज्यादा खजाना निकला है कि उसे पूर्ण रूप से गिनने में 3 साल लग गए | इसके बाद प्रशासन ने इस मंदिर में स्थित सातवें दरवाजे को खोलने की काफी कोशिशे की | लेकिन हमेशा कोई ना कोई अनहोनी हो जाती और जो भी इसे खोलने जाता उसकी मृत्यु हो जाती थी | ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर के 7वें द्वार पर दो सांपों के चित्र बना हैं जो की एक चेतावनी है | इतिहास में कई आक्रमणकारियों ने इस मंदिर को लूटने की कोशिश की लेकिन आज तक कोई कामयाब ना हो सका | कुछ विद्वान बताते है कि उस दरवाजे को नाग पाश मंत्र से बांधा गया है जो की सिर्फ गरुड़ मंत्र के उच्चारण से ही खुलेगा | अगर दरवाजे पर कान लगाकर सुना जाए तो उसमें सांपों की सरसराहत और समुद्र के लहरों की आवाज़ आती है | लोगों के अनुसार इस द्वार के पीछे ब्रह्मास्त्र कौस्तुभमणी और खतरनाक हथियार छुपाएं हुए होंगे, जिनका इस्तेमाल महाभारत युद्ध में किया गया था | हिंदू पुराणों के अनुसार इस द्वार को भगवान कल्कि द्वारा ही खोला जाएगा |

4- लाटू देवता का मंदिर

उत्तराखंड के चमोली जिले में वार्ड नामक एक गांव में स्थित है “लाटू देवता” का मंदिर जहां भक्ति अंदर प्रवेश नहीं करते | बल्कि मंदिर से 30 फिट दूर परिसर में रहकर ही पूजा अर्चना करते हैं | क्योंकि वे ऐसा मानते हैं की मंदिर के अंदर जाने से वे अंधे हो सकते हैं | लाटू देवता के इस मंदिर का दरवाजा साल में सिर्फ एक ही बार खोला जाता है और जब यह दरवाजा खोला जाता है तब मंदिर के अंदर केवल पुजारी ही प्रवेश करते हैं | वो भी अपनी आंखों में पट्टी बांधकर क्योंकि इस मंदिर में साक्षात नागराज मौजूद है, अपनी मणि के साथ और इस मणि से एक तेज रोशनी निकलती है, जिसे कोई आम इंसान अपनी आंखों से देख नहीं सकता जिस वजह से इस मणि की रोशनी से कोई भी अंधा हो सकता है | इसीलिए पुजारी अपनी आंखों में पट्टी बांधकर ही अंदर प्रवेश करता है | ऐसा भी माना जाता है की पुजारी की गंध नागराज तक और नागराज की गंध पुजारी तक नहीं जाना चाहिए इसलिए पुजारी नाक और मुंह दोनों में ही पट्टी बांध लेता है |

3- ककनमठ शिवा मंदिर

हजारों साल पुराना ककनमठ शिवा मंदिर अद्भुत और तमाम रहस्यों से भरा हुआ है | इस मंदिर में ना ही कोई खिड़की है और ना ही दरवाजा सिर्फ पत्थर के ऊपर पत्थर रखकर यह मंदिर बनाया गया है | मंदिर को देखने पर ऐसा लगता है कि जैसे पत्थर लटक रहे हो और कभी भी गिर सकते हैं लेकिन महादेव की कृपा और चमत्कार ही है कि बड़े से बड़े आंधी तूफान भी इसे हिला नहीं पाए | हैरान करने वाली बात ये है की इस जगह पर दूर-दूर तक ऐसा पत्थर कही नहीं है फिर इन्हें कहां से लाया गया ? इस मंदिर के बीचों-बीच एक दिव्य शिवलिंग स्थापित है | इस मंदिर के लिए बताया जाता है की इस मंदिर का निर्माण भूतों ने एक रात में किया था | लेकिन मंदिर बनाते बनाते सुबह हो गई इसलिए मंदिर अधूरा रह गया | यह भी माना जाता है की आज भी इस मंदिर में रात को शिवजी की पूजा करने खुद भूत आते हैं |

2- मां मुंडेश्वरी देवी मंदिर-

बिहार के कैमूर जिले में स्थित मां मुंडेश्वरी देवी का प्राचीन और रहस्यमय मंदिर जिनका संबंध मारकंडे पुराण से जोड़कर बताया जाता है | इस मंदिर की कथा चंद मुंड के वध से जुड़ी हुई है, जो शुभ निशुंभ के सेनापति थे | जिनका वध इसी भूमि में हुआ था | इस मंदिर की सबसे रहस्यमई बात यह है कि यहाँ इस मंदिर में बकरे की बलि दी जाती है लेकिन वो भी बड़े ही अनोखे तरीके से दी जाती है | क्योंकि यहां बलि में बकरा चढ़ाया जाता है पर उसका जीवन नहीं लिया जाता जी हाँ | बकरे को मंदिर में लाकर देवी मां के सामने लिटा दिया जाता है और पुजारी उस पर चावल और फूल छिड़कते हैं, जिससे वह बकरा कुछ समय के लिए वहीं बेहोश हो जाता है | जिससे उसकी जिंदा बलि देवी मां के चरणो में स्वीकार हो जाती है |

1- श्री मुरुगन मंदिर-

यह मंदिर तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 75 किलोमीटर दूर स्थित है | जिसे श्री मुरूगन मंदिर के नाम से जाना जाता है | 17वीं सदी में अंग्रेजों ने इस मंदिर पर आक्रमण करके मंदिर का सारा खजाना लूट लिया और भगवान कार्तिकेय की पंचतंत्र से बनी मूर्ति को भी चुराकर भाग रहे थे | लेकिन जैसे ही समुद्र के बीच में पहुंचे अचानक मौसम बिगड़ गया और भयानक तूफान और बारिश होने लगी नाविक ने कहा की यह तो मूर्ति का प्रकोप है हम इसे नहीं ले जा सकते नहीं तो हम मारे जाएंगे | तब जहाज के कैप्टन ने अपनी जान बचाने के लिए मूर्ति को समुद्र में छोड़ दिया जिसके बाद तूफान शांत हो गया | दूसरे दिन मुरूगन स्वामी अपने एक भक्ति के सपने में आए और उन्होंने उसे बताया की समुद्र में एक जगह पर ऊपर एक नींबू तैरता हुआ दिखेगा उसी जगह के ठीक नीचे मेरी मूर्ति है | उसके बाद जब वह मूर्ति ढूंढने गया तो सच में उसे उसी स्थान पर नींबू तैरता हुआ दिखाई दिया और उसके ठीक नीचे उसे भगवान श्री मुरुगन की मूर्ति मिल गई | सन 2004 में इस जगह पर भयंकर सुनामी आई थी लेकिन मंदिर के पास आते ही वह सुनामी 2 किलोमीटर पीछे चली गई समुद्र किनारे बना ये मंदिर आज भी सुरक्षित मौजूद है | हर हर महादेव

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